बस तीन माह की मेहमान है अकोला-महू मीटरगेज ट्रेन
20 को टैंडर, दिसंबर में बंद होगा मीटरगेज ट्रैकनांदेड डिवीजन दो चरणों में करेगा ब्राडगेज का काम पूरामेलघाट के जंगल से ट्रैक निकालने पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति का इंतजार
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खंडवा. नांदेड डिवीजन अकोला से खंडवा के बीच गेज परिवर्तन को लेकर दिसंबर माह में मीटरगेज ट्रैक बंद करने की तैयारी में है। रेलवे ने गेज परिवर्तन की कागजी तैयारी पूरी कर ली है। निर्माण कार्य के लिए जारी हुए टैंडर 19 सितंबर को बंद होंगे। साथ ही 20 सितंबर को रेलवे डाले गए टैंडरों की समीक्षा कर ठेकेदार को टैंडर देगा। टैंडर होते ही करीब 180 करोड़ की लागत से अकोला से आकोट के बीच गेज परिवर्तन का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। रेलवे की मानें तो अकोला से खंडवा के बीच दो चरणों में गेज परिवर्तन करेगा। इसमें पहले चरण में अकोला से आकोट और दूसरे चरण में आकोट से खंडवा के बीच काम होगा। आकोट से खंडवा के बीच गेज परिवर्तन के लिए मेलघाट टाइगर रिजर्व के जंगल से ट्रैक बिछाने रेलवे को पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति नहीं मिली है। इधर महू से खंडवा के बीच नबंवर में गेज परिवर्तन का कार्य शुरू होने के कयास लगाए जा रहे है।
अब भी अधर में है आकोट-खंडवा
आकोट से खंडवा तक गेज परिवर्तन करने साउथ सेंट्रल रेलवे के सामने मेलघाट टाइगर रिजर्व का क्षेत्र अब भी रोड़ा बना हुआ है। वन विभाग से अनुमति मिलने के बाद मामला पर्यावरण मंत्रालय में अटक गया है। मेलघाट से लाइन बिछाने रेलवे को पर्यावरण मंत्रालय से हरिझंडी नहीं मिल सकी है। हालांकि रेलवे को उम्मीद है कि अकोला-आकोट के बीच काम शुरू होते ही मेलघाट की अनुमति मिल जाएगी।
गेज परिवर्तन से दूरी होगी कम
गेज परिवर्तन से राजस्थान (जयपुर, सवाई, माधौपुर, अजमेर) एवं दिल्ली से दक्षिण भारत के चेन्नई, बैंगलोर आदि जगह जाने वाली ट्रेनें रतलाम, नागदा, भोपाल होकर गंतव्य कर रही हैं। उन सभी की दूरी रतलाम, महू, खंडवा, अकोला, भुसावल, होकर जाने से करीब 400 किमी कम होगी। वहीं, बैंगलुर-इंदौर से नई ट्रेन में 824 किमी की दूरी कम हो जाएगी।
रेलमार्ग से जुड़ेंगे ये स्थान
इस लाइन से महू का मिलेट्री एरिया, पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र, बड़वाह सीआईएसएफ, ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग एवं गणगौर ताप परियोजना जिला खरगोन आदि स्थान को जोड़ा जा सकेगा। रेल मार्ग की सुविधा के अभाव में राजस्थान के विभिन्न शहर जयपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, चुरू, बांसवाड़ा, कोटा आदि स्थानों से खंडवा एवं ओंकारेश्वर आने वाले दर्शनार्थियों को बस का सहारा लेना पड़ रहा है। मीटरगेज लाइन ब्राडगेज होने से उक्त स्थानों के यात्रियों को रेल सुविधा मिल सकेगी। इसके अलावा अजमेर जाने वाले आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के हजारों जायरीन को महंगे और लंबे सफर के लिए तैयार होना पड़ेगा।
1400 करोड़ से अधिक की योजना
रतलाम-महू-अकोला तक 472.64 किलोमीटर रेलखंड का गेज परिवर्तन का काम अप्रैल 10 से प्रस्तावित है। योजना में रतलाम-महू के बीच 1421.25 करोड़ खर्च का आकलन है। इसमें रतलाम-महू के बीच प्रारंभिक लागत 603 करोड़ रुपए आंकी गई। रतलाम-फतेहाबाद के बीच काम शुरू होने पर पिछले बजट में 29 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए। नवंबर 11 में 40 करोड़ रुपए प्राप्त हुए। जबकि रेल बजट में 35 करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी।
गेज परिवर्तन को लेकर कागजी कार्रवाई शुरू हो गई है। 20 सितंबर को टैंडर हो जाएंगे। वहीं दिसंबर माह में ट्रैक बंद कर निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी है। पहले चरण में अकोला से आकोटा के बीच गेज परिवर्तन किया जाएगा। मेलघाट मामले में पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति मिलने का इंतजार है।
डॉ. एके सिन्हा, डीआरएम, नांदेड मंडल
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