मानवरहित क्रॉसिंग हटेंगे, ब्रिज पर जेकेटिंग के साथ होगा गेज कन्वर्जन
- आबना नदी के ब्रिज से उखाड़ा मीटरगेज रेलवे ट्रैक खंडवा। नईदुनिया प्रतिनिधि खंडवा से अकोला के बीच मीटरगेज उखाड़ने का काम तेज हो गया है। गणगौर घाट के पास आबना नदी पर बने रेलवे ब्रिज से मीटरगेज ट्रैक उखाड़ दिया गया है। इसी ब्रिज पर जेकेटिंग के साथ गेज कन्वर्जन किया जाएगा। इसके साथ ही 172 किमी के ट्रैक से मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को हट
- आबना नदी के ब्रिज से उखाड़ा मीटरगेज रेलवे ट्रैक
खंडवा। नईदुनिया प्रतिनिधि
खंडवा से अकोला के बीच मीटरगेज उखाड़ने का काम तेज हो गया है। गणगौर घाट के पास आबना नदी पर बने रेलवे ब्रिज से मीटरगेज ट्रैक उखाड़ दिया गया है। इसी ब्रिज पर जेकेटिंग के साथ गेज कन्वर्जन किया जाएगा। इसके साथ ही 172 किमी के ट्रैक से मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को हटाए जाएंगे।
खंडवा से अकोला के बीच 172 किमी रेलवे ट्रैक पर मीटरगेज ट्रेनों का संचालन जनवरी 2017 से बंद कर दिया गया था। सबसे पहले अकोला से आकोट के बीच गेज कन्वर्जन का काम शुरू किया गया। अब खंडवा से आकोट के बीच ट्रैक उखाड़ने का काम शुरू हुआ है। खंडवा से अकोला के बीच 47 रेलवे क्रॉसिंग हैं। मीटरगेज ट्रैक पर यहां मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग बनी थीं। इनमें से 22 क्रॉसिंग खंडवा जिले की सीमा में आती थीं। अब रेलवे नए ब्रॉडगेज ट्रैक से इन्हें हटाने की तैयारी कर रहा है। अब गेज कन्वर्जन में रेलवे का प्रयास है कि कम से कम स्थानों पर क्रॉसिंग दी जाए। यहां अंडर और ओवर ब्रिज बनाए जाएंगे। इसके साथ ही जिन स्थानों पर क्रॉसिंग रहेगी, वहां पर ऑटोमैटिक फाटक लगाए जाएंगे। जिससे दुर्घटना की संभावना न हो।
ब्रिटिशकालीन ब्रिज के पीलर मजबूत
गणगौर घाट के पास बना रेलवे ब्रिज ब्रिटिशकालीन है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार इसके पीलर मजबूत हैं। इस ब्रिज से मीटरगेज ट्रैक हटा दिया गया है। अब गेज कन्वर्जन के दौरान इसी ब्रिज पर जेकेटिंग यानी सरियों का जाल बनाकर प्लास्टर किया जाएगा। इसके बाद ब्रॉडगेज ट्रैक डाला जाएगा।
इधर रेलवे ब्रिज को लेकर संशय
खंडवा शहर में चिड़िया मैदान और लाल चौकी दो रेलवे फाटक हैं। यहां ब्रिज बनाने या ऑटोमैटिक फाटक लगाने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। तीन पुलिया के पास प्रस्तावित फ्लाय ओवर बनने से चिड़िया मैदान का रेलवे फाटक हटाया जा सकेगा, वहीं लालचौकी पर ऑटोमैटिक फाटक लगाने को लेकर रेलवे तैयारी कर रहा है लेकिन अब तक शहरी क्षेत्र के दोनों फाटकों को लेकर निर्णय नहीं हो सका है।
खंडवा-सनावद के बीच अर्थवर्क पूरा नहीं
खंडवा से सनावद के बीच 56 किलोमीटर के रेलवे ट्रैक पर पिछले 15 माह से काम चल रहा है लेकिन अब तक यहां अर्थवर्क भी पूरा नहीं हो सका है। दूसरी ओर मथेला-अजेंटी के पास ट्रैक के लिए भी केवल खुदाई का ही काम चल रहा है। ऐसे में वर्ष के अंत तक इस ट्रैक को पूरा करना बड़ी चुनौती है। मेगा ब्लॉक के समय रेलवे ने इस कार्य के लिए 24 माह का समय निर्धारित किया था लेकिन कार्य की गति को देखते हुए लगता है कि इसमें 30 माह तक का समय लग सकता है।
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