केराकत भले ही तहसील मुख्यालय है लेकिन मुख्य सड़क मार्ग से केराकत का जुड़ा हुआ सीधे नहीं होने का हवाला देकर इसे प्रथम श्रेणी के रेलवे स्टेशन का दर्जा देने से पीछे हाथ खींच ले रहे हैं। केराकत क्षेत्र की नता को यह सोच और उपेक्षा गले नहीं उतर रही है। यहां के लोग किसी भी कीमत पर मृत पड़े केराकत रेलवे स्टेशन को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं। सूत्र बताते हैं कि कहा जा रहा है कि अगर एक्सप्रेस ट्रेनों को इसी तरह से सभी स्टेशनों पर रोका जाएगा तो निरस्त ट्रेनों विलंब से निरस्त ट्रेनों विलंब से अपने गंतन्य को कब पहुच सकेगी और लोग रेलवे को ही कोसेंगे।
हालांकि रेल मंत्री की इस तरह की सोच को यहां की जनता बर्दाश्त करने के मूड में नहीं। लोगों का साफ कहना है कि पूर्वाचल के बहुतेरे ऐसे रेलवे स्टेशन, जिन्हें कई सुविधाएं भले ही नहीं हैं, पर वहां एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव होता है। ऐसे में केराकत में आखिरकार एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव देने में क्या दिक्कत है। कहा ये भी जा रहा है कि रेल राज्य मंत्री ने अगर इसे गंभीरता से लेते हुए कुछ नहीं किया तो नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। यहां के लोगों को काफी अपेक्षाएं भी हैं। जनमानस की भावनाओं का सम्मान करते हुए केराकत को आदर्श रेलवे स्टेशन का दर्जा प्रदान करने के साथ एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव और पैसेंजर ट्रेनों का फेरा बढ़ाने की स्वीकृति नहीं दी गयी तो, आने वाले वर्ष 2019 के लोक सभा चुनाव क्षेत्र की जनता अपना गुस्सा दिखा सकती है।
by Javed Ahmad