प्राधिकार (authority) किसी व्यक्ति, गुट या संस्थान के किसी विषय या क्षेत्र में निर्णय लेने व निर्णायक कार्य करने की ऐसी क्षमता को कहते हैं जो किसी राज्य द्वारा प्रदान की गई हो। ऐसी स्थितियों में राज्य अपनी राजशक्ति प्राधिकारित व्यक्ति या संस्थान के निर्णयों को मनवाने के लिये वचनबद्ध होता है।[1][2]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Renato Cristi, Hegel on Freedom and Authority (2005)
  2. Józef Maria Bocheński, Was ist Autorität? (1974)