फ़ेसबुक पर विज्ञापन
फ़ेसबुक की अधिकतर आय विज्ञापनों से होती है. उदाहरण के लिये:
1 कोई व्यावसायिक प्रतिष्ठान एक विज्ञापन बनाता है मान लीजिये आपके पड़ोस में एक नया जिम खुलता है. उसका मालिक एक विज्ञापन बनाता है ताकि लोग आकर जिम को मुफ़्त में आज़मा सकें. | 2 विज्ञापन दिखाने के लिए फेसबुक को भुगतान किया जाता है जिम का मालिक फ़ेसबुक को विज्ञापन भेजता है और साथ में उन लोगों का वर्णन जिन्हें विज्ञापन दिखाया जाए: आसपास रहने वाले जिनकी दौड़ने में दिल्चस्पी हो. | 3 उचित लोग विज्ञापन देखते हैं फ़ेसबुक आपको वो विज्ञापन दिखाता है अगर आप उस शहर में रहते/रहती हैं और आपकी दौड़ने में दिलचस्पी है. इस तरह फ़ेसबुक द्वारा आपकी निजी जानकारी पाए बिना विज्ञापक आप तक पहुँचते हैं. |
विज्ञापनों की मदद से फ़ेसबुक निश्शुल्क है
फ़ेसबुक बनाने वाले शुरू से ही इसे निश्शुल्क रखना चाहते थे. फ़ेसबुक चलाने के लिये अब हर साल एक अरब डा॓लर से ज़्यादा की ज़रूरत पड़ती है, और विज्ञापन पहुँचाने से ही ये ख़र्चा निकल पाता है.
आपको कौनसे विज्ञापन दिखाए जाएँ इसपर आप प्रभाव डाल सकते/सकती हैं
आपको फ़ेसबुक पर जो विज्ञापन दिखाए जाएँ इसपर आप प्रभाव डाल सकते/सकती हैं, जैसा कि टीवी पर नहीं हो सकता. कुछ ऐसा दिखाई दे जिसमें आपको दिलचस्पी नहीं हो तो X पर क्लिक करें और वो गायब हो जाएगा.
आप अनुकूल विज्ञापन देख पाते/पाती हैं
फ़ेसबुक आपको वो विज्ञापन दिखाने की कोशिश करता है जिनमें आपकी सबसे ज़्यादा रुचि होगी. आप फ़ेसबुक पर जो करते/करती हैं, जैसे कि किसी पृष्ठ को पसंद करना, और आपसे और अन्य स्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर इन विज्ञापनों को चुना जाता है. और गहराई में पता करें.
सबसे ज़्यादा पूछे जाने वाले प्रश्न
फ़ेसबुक की आय कैसे होती है, इसपर आपने कुछ बातें सुनी होंगी. यथार्थ ये है:
क्या ये सच है कि फ़ेसबुक मेरा नाम और सम्पर्क की जानकारी बेचकर पैसे कमाता है?
नहीं. फ़ेसबुक आपकी निजी जानकारी नहीं बेचता, बल्कि आपको विज्ञापन दिखाकर पैसे कमाता है.
Selling your information would actually be bad for Facebook. Here’s why: Facebook was created to help you share and connect with the people in your life. If you don’t feel like you’re in control of who sees what you share, you probably won’t use Facebook as much, and you’ll share less with your friends. Not only is that bad for Facebook, it’s also bad for you. That’s why only the people you choose to share with see your stuff.
विज्ञापन और प्रायोजित कहानियों में क्या अन्तर है?
Ads and sponsored stories are types of sponsored content on Facebook:
1. विज्ञापन
A business creates an ad and pays Facebook to deliver it to the people who are most likely to find it useful. For example, you might see an ad for a local gym if you live nearby, are a certain age and like running. Learn more about ads.
2. प्रायोजित कहानियाँ
A sponsored story is different from an ad because it’s a story you can already see about activity from people you’re connected to, Pages you like or apps you use. A business pays to sponsor these regular stories to increase the chances that you’ll notice it. Learn more about प्रायोजित कहानियों.
मैं तो कभी भी विज्ञापनों पर क्लिक नहीं करता/करती, फिर व्यावसायिक प्रतिष्ठान मुझे विज्ञापन दिखाने के लिये फ़ेसबुक को क्यों पैसे देते हैं?
Businesses want to get their message in front of the right people. They pay Facebook to deliver ads to people who might be interested – whether or not those people click on the ads. To see how businesses purchase ads, check out the ad creation tool.
सहायता केंद्र से विज्ञापनों और प्रायोजित कहानियों के बारे में और जानें.
क्या आप किसी व्यावसायिक संस्थान के/की मालिक हैं? व्यावसायिक संस्थानों के लिये फ़ेसबुक पर जा के जानें कि फ़ेसबुक के विज्ञापनों से आपको क्या सहायता मिल सकती है.