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Astrology / श्री राम मंदिर भूमि पूजन मुहूर्त 05 अगस्त 2020 शुभ या अशुभ
श्री राम मंदिर भूमि पूजन मुहूर्त 05 अगस्त 2020 शुभ या अशुभ श्री राम मंदिर भूमि पूजन मुहूर्त 05 अगस्त 2020 शुभ या अशुभ . श्री राम मंदिर भूमि पूजन का शुभ मुहूर्त
5 अगस्त 2020 को है। इस दिन दोपहर अभिजीत मुहूर्त और शतभिषा नक्षत्र के उपस्थिति में श्री राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन होगा । भूमि पूजन का शिलान्यास भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर कमलों से होना सुनिश्चित है। मैं यहाँ निश्चित समय नहीं बता रहा हूँ क्योकि आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
मंदिर शिलान्यास के लिए शुभ मुहूर्त का निर्धारण विद्वान ज्योतिर्विद के द्वारा ही निकाला गया होगा इसमें किंचित मात्र भी संदेह नहीं है फिर भी किंचित ज्योतिषाचार्य इस मुहूर्त को शुभ नहीं मान रहे हैं। यदि ऐसा है तो अवश्य ही मुहूर्त में कोई कमी होगी क्योकि भारतीय दार्शनिकों का एक सिद्धांत है — यत्र यत्र धूमः तत्र तत्र अग्नि अर्थात यदि धुआँ है तो अवश्य ही अग्नि होगी। इस सिद्धांत के अनुसार यदि मुहूर्त पर सवाल उठ रहें हैं तो कुछ सत्यता अवश्य होगी।
वैसे भारत में विद्वानों की कमी नहीं है इसलिए शायद ही किसी कार्य के लिए एकमत बन पाता है किन्तु-परन्तु नामक संशय की प्राण प्रतिष्ठा तो कर ही दी जाती है। मेरा इस मामले में अल्प ज्ञान है हाँ जितना पढ़ा हूँ उसके अनुसार विद्वानों द्वारा निर्धारित मुहूर्त को समझने का प्रयास कर रहा हूँ। आइये शस्त्रानुसार जानने का प्रयास करते हैं यह दिन कितना शुभ है।
5 अगस्त 2020 का पंचांग
अयन | दक्षिणायन |
मास | भाद्रपक्ष |
पक्ष | कृष्ण |
तिथि | द्वितीया |
दिन | बुधवार |
नक्षत्र | शतभिषा |
योग | शोभना |
करण | गर |
चन्द्रमा | कुम्भ राशि |
लग्न | तुला ( चर लग्न ) |
अभिजीत मुहूर्त | 11:49 से 12: 37 तक |
शुभ कार्य करने का निर्धारण कैसे किया जाता है ?
भारतीय धार्मिक अनुष्ठान में शुभ समय निर्धारण के लिए पंचांग का सहारा लिया जाता है। पंचांग में तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण का समावेश होता है और इन्ही पञ्च अंग को मिलने से विभिन्न प्रकार शुभ मुहूर्त का निर्माण होता है जैसे —
- सर्वार्थ सिद्धि योग
- अमृत सिद्धि योग
- रवि योग
- द्विपुष्कर योग
- त्रिपुष्कर योग
- अभिजीत मुहूर्त
प्राचीन ज्योतिष विद्वान् एवं शास्त्रानुसार यह भी कहा गया है की यज्ञ कर्ता को किसी विशेष कार्य के लिए अवश्य ही सर्वप्रथम उपर्युक्त योग का विचार कर लेना चाहिए क्योंकि इस योग में कोई भी शुभ कार्य करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही लग्न, चंद्र बल, नवांश, ग्रहों के उच्च, नीच, अस्त इत्यादि का भी ध्यान रखना चाहिए।
क्यों यह मुहूर्त पूर्ण रूप से शुभ नहीं है ?
- उपर्युक्त बताये गए सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग द्विपुष्कर और त्रिपुष्कर योग इस मुहूर्त में नहीं है।
- शास्त्रानुसार दक्षिणायन भाद्रपद मास में गृह, मंदिर निर्माण, पूजन इत्यादि शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
- उस दिन तिथि द्वितीया है जो बहुत शुभ नहीं है
- भूमि पूजन का कार्य स्थिर लग्न या द्विस्वभाव लग्न में ही करना चाहिए।
- तुला लग्न में भूमि पूजन होगा जो चर राशि है।
- चंद्र बल की भी शुद्धि करना चाहिए 5 अगस्त 2020 को चन्द्रमा पाप कर्त्री योग में है ।
यह भी कहा गया है की यदि कोई भी शुभ योग नहीं मिले तो अभिजीत मुहूर्त में शुभ कार्य कर लेना चाहिए। आपको बता दें की भगवान श्री राम मंदिर हेतु भूमि पूजन के लिए अभिजीत मुहूर्त का ही चयन किया गया है। भगवान श्री राम का जन्म अभिजीत मुहूर्त में हुआ है अतः इस मुहूर्त में मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करना श्रेष्ठ होगा । भगवान् के भक्ति के लिए हर समय शुभ होता है अतः भूमि पूजन का समय निःसंदेह शुभ है हमें ऐसी वैसी आशंका से ग्रसित नहीं होना चाहिए।
अभिजीत मुहूर्त क्यों शुभ है तथा उसका निर्धारण कैसे होता है ?
पुराण के अनुसार अभिजीत मुहूर्त काल में किये गए सभी कर्म प्रायः सफल होते हैं। भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र की तरह ही अभिजीत मुहूर्त सब दोषों को नाश कर देता है–
दिनमध्यगते सूर्ये मुहूर्त्ते हि अभिजीत प्रभुः।
चक्रमादाय गोविन्दः सर्वानदोषान्निकृन्तति।
दिनमान के अर्ध भाग में स्थानीय सूर्योदय जमा कर देने से अभिजीत मुहूर्त का मध्य भाग निकल जाता है। नारद पुराण के अनुसार अभिजीत के मध्याह्न काल से एक घटी अर्थात 24 मिनट पूर्व और मध्यान्ह से 24 मिनट पश्चात तक के समय को अभिजीत काल कहा जाता है। जैसे मान लीजिए आपको 5 अगस्त 2020 को अयोध्या प्रांत का अभिजीत मुहूर्त का समय जानना है तो उस दिन के दिनमान( 33 :33 घटी पल ) का अर्ध भाग 13 घड़ी 45 पल होंगे इस अर्थ भाग के 6 घंटे 45 मिनट बनते हैं इनके उस दिन में अयोध्या के सूर्योदय ( 5 :28 सुबह ) घंटा मिनट में जमा कर देने से दोपहर 12 बज कर 13 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त का मध्यकाल होगा। अब इससे 24 मिनट पूर्व अर्थात 11:49 मिनट से अभिजीत का काल प्रारंभ तथा 12 बजकर 37 मिनट पर अभिजीत का समाप्ति काल होगा।
इस मुहूर्त में आरम्भ किए गए शुभ कार्य का परिणाम सुखदायी और मन को प्रफुल्लित करने वाला होता है। भगवान श्री राम का जन्म भी हुआ इसी मुहूर्त में हुआ था। अतः श्री राम मंदिर शिलान्यास में, भूमि पूजन हेतु अभिजीत मुहूर्त का चयन किया गया है जो सर्वमान्य है और विवादरहित है। चर लग्न का चयन इस बात का का संकेत दे रहा है की मंदिर का निर्माण कार्य अनवरत चलता रहेगा
शतभिषा नक्षत्र क्या सन्देश दे रहा है
ज्योतिषाचार्य की माने तो भूमि पूजन के लिए अभिजीत मुहूर्त का चयन किया गया है और उस समय शतभिषा नक्षत्र है। इस नक्षत्र का स्वामी राहु और देवता वरूण हैं और राशि स्वामी शनि है । इस नक्षत्र में भूमि पूजन इस बात का अवश्य संकेत देता है की यह ऐतिहासिक काल अनंत काल तक गूढ़ रहस्य के रूप में प्रतिष्ठित पुष्पित और पल्ल्वित रहेगा। मंदिर निर्माण का कार्य किंचित आरोप प्रत्यारोप के मध्य सफलतापूर्वक सम्पन्न होगा।
अंत में मैं यह कहना चाहूंगा की सामान्य जन के लिए किसी शुभ कार्य के लिए जिस शुभ मुहूर्त का निर्धारण शास्त्र या विद्वानों के द्वारा किया गया है वह इस मुहूर्त में पूर्ण रूपेण दृष्टिगोचर नहीं हो रहा है। यह भी स्पष्ट है कि अभिजीत मुहूर्त, शोभना योग और बुधवार के दिन भूमि पूजन निःसंदेह श्री राम प्रभु में करोड़ों भक्तों के श्रद्धा और विश्वास को दृढ़ता प्रदान करेगा तथा मंदिर निर्माण का कार्य निर्बाध रूप से सम्पन्न होगा।
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