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गुरु गोचर का तृतीय भाव में फल | Jupiter transit effects in third house गुरु गोचर का तृतीय भाव में फल | Jupiter transit effects in third house गुरु /बृहस्पति का विभिन्न भाव में गोचर का प्रभाव अलग-अलग रूप में पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में गुरु / बृहस्पति को सबसे शुभ ग्रह माना गया है। गुरु की दृष्टि को अमृत तुल्य कहा गया है। देवगुरू बृहस्पति ज्ञान, संतान एवं धन के भी कारक हैं।
आइये जानते है कि बृहस्पति/ गुरु का जन्म लग्न से गोचर का जीवन के विभिन्न क्षेत्रों यथा – ज्ञान, संतान, धन, भाई-बंधू, माता-पिता, परिवार, शिक्षा, व्यवसाय, वैवाहिक जीवन इत्यादि पर कितना प्रभाव पड़ेगा।
गोचरवश बृहस्पति एक राशि में लगभग 13 माह तक भ्रमण करते हैं। गुरू के गोचर का शुभाशुभ फल जन्मकुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर मिलता है। व्यक्ति की जन्म राशि अर्थात् जन्मकालीन
चंद्रमा (Moon) जिस राशि में स्थित होते हैं, गोचर में बृहस्पति उस राशि से दूसरे, पाँचवें, सातवें, नवें, तथा ग्यारहवें भाव में जब-जब संचार करते हैं, तब-तब बृहस्पति शुभफल प्रदान करते हैं तथा इनके अतिरिक्त बृहस्पति का अन्य भावों से गोचर शुभफल देने वाला नहीं माना जाता है।
जानें ! इस समय, गुरु/बृहस्पति गोचर में किस भाव में है।
लग्न वा राशि | 20 नवम्बर 2020 से 05 अप्रैल 2021 तक | 06 अप्रैल 2021 से 13 सितम्बर 2021 | 14 सितम्बर 2021 से 19 नवम्बर 2021 | 20 नवम्बर 2021 से 12 अप्रैल 2022 |
मेष | दशम भाव | एकादश भाव | दशम भाव | एकादश भाव |
वृष | नवम भाव | दशम भाव | नवम भाव | दशम भाव |
मिथुन | अष्टम भाव | नवम भाव | अष्टम भाव | नवम भाव |
कर्क | सप्तम भाव | अष्टम भाव | सप्तम भाव | अष्टम भाव |
सिंह | षष्ठ भाव | सप्तम भाव | षष्ठ भाव | सप्तम भाव |
कन्या | पंचम भाव | षष्ठ भाव | पंचम भाव | षष्ठ भाव |
तुला | चतुर्थ भाव | पंचम भाव | चतुर्थ भाव | पंचम भाव |
वृश्चिक | तृतीय भाव | चतुर्थ भाव | तृतीय भाव | चतुर्थ भाव |
धनु | दूसरा भाव | तृतीय भाव | दूसरा भाव | तृतीय भाव |
मकर | प्रथम भाव | दूसरा भाव | प्रथम भाव | दूसरा भाव |
कुम्भ | बारहवां भाव | प्रथम भाव | बारहवां भाव | प्रथम भाव |
मीन | एकादश भाव | बारहवां भाव | एकादश भाव | बारहवां भाव |
तृतीय भाव में गुरु गोचर का फल | Jupiter transit in third house
तृतीय भाव में गुरु का गोचर स्वास्थ्य के दृष्टि से ठीक होता है। इस समय आपको अध्ययन कार्य के प्रति रूचि बढ़ेगी। आप साहित्य और दर्शन का पाठ कर सकते है। आपके कार्य व्यवहार से आपके विशाल हृदय का बोध होगा। आपके विचार नेक एवं श्रेष्ठ होंगे। कल्याणकारी व्यवहार के कारण आपको मान सम्मान एवं प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी।
आपको यात्रा करने का भरपूर मौक़ा मिलेगा। यात्रा से लाभ की प्राप्ति होगी। यात्रा में आपका भविष्य भी छुपा रहेगा। इस समय आपके पुराने मित्रो का सहयोग प्राप्त होगा। इस समय आपको नये नये लोगों से मिलने का भी मौका मिलेगा और लाभप्रद मैत्री सम्बन्ध भी बनेंगे। यदि आप
शादी Marriage के बंधन में बंधना चाहते है तो निश्चय ही आपके लिए अनुकूल समय है।
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